Paddy care tips: धान के इस रोग को अनदेखा किया तो हो जाएगी पूरी फसल बर्बाद, करे ये जरूरी समाधान, उत्पादन होगा बेहतर
Paddy care tips: धान के इस रोग को अनदेखा किया तो हो जाएगी पूरी फसल बर्बाद, करे ये जरूरी समाधान, उत्पादन होगा बेहतर
किसान भाइयों धान की फसल में शुरुआती दिनों में इसका ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है कई प्रकार के ऐसे रोग जो धान की शुरुआती ग्रोथ में पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं आज ऐसे रोग के बारे में बात करने वाले हैं जो आगे चलकर फसल को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं इन बीमारियों का बेहतर इलाज करना बहुत जरूरी होता है जिसके लिए रोग का सही पहचान एवं उसके लिए सही दवा का प्रयोग करना भी बहुत जरूरी होता है कई बार इन रोगों की अनदेखी करने से कभी-कभी पूरी फसल बर्बाद हो जाती है और उपज कम हो जाती है
किसान भाइयों आज हम धान के साथ ऐसे रोग के बारे में बात करने वाले हैं जो धान की फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं इन रोगों की पहचान एवं नियंत्रण कैसे करें पूरी जानकारी देंगे तो बात करते हैं धान के झुलसा रोग के बारे में
झुलसा रोग के लक्षण धान रोपाई के 15 दिन बाद से धान के पत्ते पर देखे जा सकते हैं
झुलसा रोग की पहचान
रोग की शुरुआती अवस्था में पौधे की निकली पत्तियों पर हल्के बैगनी रंग के छोटे-छोटे धब्बे बनते हैं जो धीरे-धीरे बढ़कर बीच में चौड़े व किनारो पर सकरी हो जाते हैं इन पतो के बीच का भाग हल्के भूरे रंग का होता है तने की गांठ पर भी इस रोग का प्रकोप होता है जिससे वह काली हो जाती हैं तथा पौधे इन ग्रसित गांठो से टूट जाते हैं रोग के अधिक प्रकोप होने पर धान की बाली कमजोर हो जाती है जिससे बाली टूट कर गिर जाती है जिससे उपज में काफी कमी हो जाती है
कैसे करे इस रोग की रोकथाम
इस रोग के लक्षण दिखाई देने पर इस रोग की रोकथाम के लिए टेबुकनजोल को 25.9% का 250 ml प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करना चाहिए रोग की तीव्रता के अनुसार 12 दिन बाद टेबुकनजोल का छिड़काव दोबारा करना चाहिए।